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Mohabbat..

जिस फूलों की परवरिश हमने  अपनी मोहब्बत से की.. जब वो खुशबु के काबिल हुए तो  औरो के लिए महेकने लगे !

Friday, 7 July 2017

Rahat indori--

जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से
बादशाहों से भी फेके हुए सिक्के ना लिए
हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से


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